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*लेखक*
*चुन्नू राम बंजारे*
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himmat

हिम्मत  हिम्मत मन में तो  हिम नदी गर्म हो जाती है  हिम्मत के सामने  पर्वत पिघल जाती है  हिम्मत मन में तो  हिम नदी गर्म हो जाती है / हिम्मत के सामने  ऋतू का प्रभाव हो न पाती है   विश्वाश नहीं तो आजमा लेना  हिम्मत से परिणाम आती है   हिम्मत मन में तो  हिम नदी गर्म हो जाती है / जाच कर अब अभी  क्या हिम्मत से कदम बढाते है  डरकर कदम बढ़ाने से  परिणाम असफलता आती है  हिम्मत मन में तो  हिम नदी गर्म हो जाती है / जीवन के सफ़र में  मंजिल हिम्मत से मिल पाती है  मत डरना अब कभी  क्योकि इससे अँधेरा ही  आती है  हिम्मत मन में तो  हिम नदी गर्म हो जाती है / रखोगे दृढ विश्वास तो  अँधेरा  चली जाती है  जिसके करणं हिम्मत  स्वमेव आती है  हिम्मत मन में तो  हिम नदी गर्म हो जाती है //

किस्मत के भरोषे

  एक दिन की बात है जब एक राम नाम का व्यक्ति ने अपनी जिन्दगी के समय को सिर्फ भगवान् के जप तप में ही गवाते गवाते जिन्दगी की अंतिम सास लेने की अवस्था पर पहुच गया /उस समय उसे याद आया की मैंने अपनी जिन्दगी के सम्पूर्ण समय को भगवान् के जप तप करने में ही गवा दिया ,मैंने कर्म पर ध्यान ही नहीं दिया जिसके कारण से आज मेरा जीवन सिर्फ अँधेरे का गुलाम है /मैंने अपनी जीवन को सिर्फ किस्मत के सहारे छोड़ दिया ,जिसका परिणाम भोग रहा हु ,मैंने जीवन में कुछ भी काम नहीं किया क्योकि मैंने अपने जिन्दगी को किस्मत के भरोसे ही छोड़ दिया और भगवान् नाम की ही माला जपता रहा /               आज मेरा जीवन का अंतिम समय आ गया, तब मुझे जिन्दगी के सत्य का ज्ञान हुआ है ,लेकिन मैंने जिन्दगी के सम्पूर्ण समय को ब्यर्थ ही गवा दिया जिसके कारण से अब कुछ नहीं कर पा रहा हु क्योकि जिन्दगी का अंतिम पल आ गया है / इस अंतिम पल में आप लोगो को एक सन्देश देना चाहता हूँ -आप लोग कभी भी जिन्दगी को किस्मत के सहारे मत छोड़ना मै अपनी जिन्दगी को किस्मत के सहारे छोड़कर कामचोर बन गया , जिसके कारण ही मेरे जीवन में अधेरा है ,आप लोग काम से चोरी कर कामचोर म

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भारत देश का, युवा छात्र  जैसा चाह वैसा पात्र भारत देश का , युवा छात्र / खुद को देख  पद तेरा छात्र छात्र जीवन  न कर अपात्र  तुझमे शक्ति  अपार छात्र पहचान जरा  खुद को मात्र आख बंद कर  खुद से पूछ छात्र  जीवो में महान क्या मेरा पात्र  अंतरात्मा से आवाज  तेरे लिए छात्र  शक्ति पर विश्वाश  कर अब मात्र इतनी शक्ति कि नोबल पुरुस्कार लगे मात्र क्योकि सर्वोच्च महान  आपके पद महान छात्र मार्ग मिल जायेगा  नोबल पुरुष्कार पर न शंका छात्र  विश्वाश का फ़ॉर्मूला नोबल पुरुस्कार का मात्र  खुद से पूछ भगवान् ने   तुझे बैल बनाया  होता छात्र  इन्सान जीवन पाकर खुद को  क्यों मानते अपात्र छात्र   हाथ में हीरा मोती हो   पहचान नहीं तो हिरा भी अपात्र   इसलिए पहचानो खुद को विश्व में आप महान छात्र  खुद पर शंका कर  क्यों बनाये जीवन अपात्र  खुद पर विश्वास कर लो  आवाज अंतरात्मा कि मात्र भारत देश का युवा छात्र  //