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किस्मत के भरोषे

 


एक दिन की बात है जब एक राम नाम का व्यक्ति ने अपनी जिन्दगी के समय को सिर्फ भगवान् के जप तप में ही गवाते गवाते जिन्दगी की अंतिम सास लेने की अवस्था पर पहुच गया /उस समय उसे याद आया की मैंने अपनी जिन्दगी के सम्पूर्ण समय को भगवान् के जप तप करने में ही गवा दिया ,मैंने कर्म पर ध्यान ही नहीं दिया जिसके कारण से आज मेरा जीवन सिर्फ अँधेरे का गुलाम है /मैंने अपनी जीवन को सिर्फ किस्मत के सहारे छोड़ दिया ,जिसका परिणाम भोग रहा हु ,मैंने जीवन में कुछ भी काम नहीं किया क्योकि मैंने अपने जिन्दगी को किस्मत के भरोसे ही छोड़ दिया और भगवान् नाम की ही माला जपता रहा /


              आज मेरा जीवन का अंतिम समय आ गया, तब मुझे जिन्दगी के सत्य का ज्ञान हुआ है ,लेकिन मैंने जिन्दगी के सम्पूर्ण समय को ब्यर्थ ही गवा दिया जिसके कारण से अब कुछ नहीं कर पा रहा हु क्योकि जिन्दगी का अंतिम पल आ गया है /


इस अंतिम पल में आप लोगो को एक सन्देश देना चाहता हूँ -आप लोग कभी भी जिन्दगी को किस्मत के सहारे मत छोड़ना मै अपनी जिन्दगी को किस्मत के सहारे छोड़कर कामचोर बन गया , जिसके कारण ही मेरे जीवन में अधेरा है ,आप लोग काम से चोरी कर कामचोर मत बनना /


मैंने अपनी जीवन के समय को भगवान के जप तप करने में ही गवा दिया ,जिसके कारण से आज कुछ भी सफलता प्राप्त नहीं कर पाया हूँ ,आप लोग मेरे जैसे मत करना क्योकि जप तप करने से सफलता नहीं मिलते है, सफलता पाने के लिए कर्म करना पड़ता है और कर्म के दम पर ही किस्मत का निर्माण किये जाते है /

मुझे आज पता चला की किस्मत का निर्माण कर्म के ही माध्यम से किया जा सकता है /


मैंने अपनी जिन्दगी को ज्योतिषी नियमो में डालकर अनेक प्रकार ने अशुभ संकेत को पालते रहा जिसके कारण से मेरे जिवन का समय व्यर्थ ही चला गया /


एक सत्य को आप लोग भी याद रखना -


1.अगर हमारे वैज्ञानिक जपतप करते रहे हुए रहते तो न तो आविष्कार हो पाते और जब आविष्कार नहीं हो पाते तो जीवन अँधेरे में ही रहता /


2 . न तो आवागमन के क्षेत्र में सायकल से लेकर मोटर सायकल ,कार , बस ,ट्रक ,ट्रेन ,हवाई जहाज का निर्माण नहीं हो पाता /

3. चिकित्सा के क्षेत्र में भी कुछ भी तरक्की नहीं हो पाते ,

4.मनोरंजन के क्षेत्र में भी कुछ भी सफलता नही मिल पाते .

5.अन्तरिक्ष के क्षेत्र में भी तरक्की नहीं मिल पाते

6.शिक्षा के क्षेत्र में भी तरक्की नहीं मिल पाते .

7 .सूचनाओ के आदान प्रदान के क्षेत्र में भी सफलता नहीं मिल पाते /

मैंने जीवन के समय को अंधकार का प्रचार करने में ही लगाया और किस्मत ,जपतप करते करते आज मरने जा रहा हु ,


                          हो सके तो मुझे माफ़ कर देना क्योकि मैंने अपने परिवार के लोगो के साथ अपने संपर्क में आने वाले को भी किस्मत का पाठ पढ़ाया , जप तप करने का पाठ पढाया / जिससे उन लोगो का समय शक्ति को गलत दिशा में मैंने लगवाया /


                 आप लोगो मेरे जीवन के अंतिम समय में मुझे जो सत्य का ज्ञान हुआ उसे आज ही स्वीकार लेना और मेरे जैसे आप लोग मत करना वरना आप लोगो को भी मेरे जैसे ही पछताना पड जाएगा /


इतना कहकर राम नाम के व्यक्ति ने अपना दम तोड़ दिया /




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