विचार
मानव संसंस्कृति की लहुलुहान तस्वीर से किशोर व् युवावर्ग के जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड रहा है ,जिसके करणं युवाशक्ति का प्रयोग् बलात्कार जैसी घटनाओ को जन्म दे रहा है /
आज अंगप्रदर्शन करने वालो कलाकारों ने दर्शको , पाठको का मनोरंजन करने के साथ बेहोस करने लगे है, जिसका नकारात्मक प्रभाव का समाचार रोज समाचार पत्र में आ रहा है /अंगप्रदर्शन करने वालो कलाकारों ने बैठने का कमरा रूम ,बेडरूम व् बरामदा में अंतर् नही रखा है ,घर के कमरे को पहचान नहीं पा रहा है /
अगर एक जादूगर दर्सको का मनोरंजन के साथ छेडछाड या हानी पहुचाता है तो वह एक अपराधी के रूप में न्यायालय में खड़े होने कि योग्यता हासिल कर लेता है ,जिसे न्यायाधीस सही गलत का फैसला करता है ,
उसी प्रकार हमारे अंगप्रदर्शन करने वालो कलाकार ,फिल्म डायरेक्टर दर्सको के मनोरंजन के साथ मानव संस्कृति ,भारतीय संस्कृति का बलात्कर करता है तो क्या कलाकार रूपी जादूगर हमारे मानव संस्कृति ,भारतीय संस्कृति का बलात्कार नहीं कर रहे है ?
कलाकार को भी न्यायलय की कटघरे में खड़े होने की योग्यता प्राप्त हो चुकी है ,जिसे हमारे कलाकार को मालूम नहीं है /
उसी प्रकार हमारे अंगप्रदर्शन करने वालो कलाकार ,फिल्म डायरेक्टर दर्सको के मनोरंजन के साथ मानव संस्कृति ,भारतीय संस्कृति का बलात्कर करता है तो क्या कलाकार रूपी जादूगर हमारे मानव संस्कृति ,भारतीय संस्कृति का बलात्कार नहीं कर रहे है ?
कलाकार को भी न्यायलय की कटघरे में खड़े होने की योग्यता प्राप्त हो चुकी है ,जिसे हमारे कलाकार को मालूम नहीं है /
न्यायाधीस संविधान का नियम का उलंघन करने वालो को अपराधी की श्रेणी में रखता है /
अगर भारतीय सविधान में मानव संस्कृति की रक्षा के नियम नही बने होगे तो नियम बनाने की आवस्यकता है और नियम बना होगा तो नियम को अमल में लेन की आवश्यकता है /
अगर भारतीय सविधान में मानव संस्कृति की रक्षा के नियम नही बने होगे तो नियम बनाने की आवस्यकता है और नियम बना होगा तो नियम को अमल में लेन की आवश्यकता है /
फिल्मोद्योग को शासन ने मान्यता इसलिए दिया है क्योकि मनोरंजन के साथ ज्ञान की प्रकाश को फैलाने का एक माध्यम है
लेकिन आज मनोरंजन के साथ हमारे मानव संस्कृति ,भारतीय संस्कृति कि लहुलुहान तस्वीर भारत के राष्ट्रपति ,प्रधानमंती ,मुख्यमंत्री , कलेक्टर ,पुलिस भिनाही देख पा रहे है , इसका मुख्य कारणं अंगप्रदर्शन करने वालो कलाकारो ने उन पर भी जादु चला दिया है ,लेकिन सर्वोच्च न्यायलय के पास तो सही गलत का न्याय करने का अधिकार है ,अगर कोई भी अपराध करता है तो उसे सजा दे सकता है /
लेकिन आज मनोरंजन के साथ हमारे मानव संस्कृति ,भारतीय संस्कृति कि लहुलुहान तस्वीर भारत के राष्ट्रपति ,प्रधानमंती ,मुख्यमंत्री , कलेक्टर ,पुलिस भिनाही देख पा रहे है , इसका मुख्य कारणं अंगप्रदर्शन करने वालो कलाकारो ने उन पर भी जादु चला दिया है ,लेकिन सर्वोच्च न्यायलय के पास तो सही गलत का न्याय करने का अधिकार है ,अगर कोई भी अपराध करता है तो उसे सजा दे सकता है /
एक ब्यक्ति के परिवर्तानसे विश्व परिवर्तन संभव है,आप चाहकर संसार में अन्धेरा और उजाला फैला सकते है /
जीवन विज्ञान की टेबल पर अंगप्रदर्शन करने वालो कलाकारों जादूगरों की कार्य का अध्ययन करने से पता चलता है की वे लोग आप पर जादू चला दिए है जिसका प्रभाव जीवनपर पड़ने लगा है /
सिनेमा जगत मनोरंजन के साधन के साथ ज्ञान के प्रकाश को फ़ैलाने में मुख्य भूमिका निभाता है /
सिनेमा जगत मनोरंजन के साधन के साथ ज्ञान के प्रकाश को फ़ैलाने में मुख्य भूमिका निभाता है /
क्या अंगप्रदर्शन किये बिना मनोरंजन के साथ ज्ञान की प्रकाश नहीं फैलाया जा सकता है ?
भगवान् द्वारा प्राप्त शक्ति का दुरूपयोग फ़िल्मी कलाकारों के साथ डायरेक्टर भी करने लगे है , डायरेक्टर का जादू अंगप्रदर्शन करने वालो कलाकारो को जन्म देता है , वह भी बेहोश हो गया है / कला के दुरूपयोग से देश व् समाज कि संस्कृति का तस्वीर में दाग् लगा है जिसका दुस्प्रभाव जीवन पर पड रहा है /
अंगप्रदर्शन करने वालो कलाकार अपने घर में अपने बच्चो , माँ बाप ,भैबहंके बिच भी अन्ग्प्रदार्सन का जलवा बिखेरते होगे ?
जिस प्रकार एक आतंग्वादी संसार में अँधेरा फ़ैलाने के लिए पर्याप्त है , उसी प्रकार एक देश भक्त उस आतंगवादि को मिटाने के लिए भी पर्याप्त है /
आज पशु व् मनुष्य के बिच अंतर नहीं दिखाई दे रहा है , जिसे देखा जा सकता है / विकसित मानव पुन:आदिमानव बनने जा रहा है /एक समय था ,जब मानव तन में कपड़ा नहीं पहनते थे , उस समय मानव का दिमाग पूर्ण : विकसित नहीं था / धीरे धीरे दिमाग विकसित होने लगा तो पेड़ की छाल पहना करते थे , आज मानव तन् मे 100% कपडा पहनते है लेकिन अंगप्रदर्शन करने वालो कलाकारों का दिमाग् पूर्ण विकसित है , फिर भी तन पर 1% कपडे पहनने का अभियान चला रहे है /
मानव संस्कृति भारतीय संस्कृति की लहूलुहान तस्वीर की रक्षा कके लिए अंगप्रदर्शन को रोकने के लिए कानून बनाना चाहिए जिससे अंगप्रदर्शन करने वालो कलाकारों को भी मनोरंजन व ज्ञान की प्रकाश फ़ैलाने का सही वातावरण मिल जाये और साप मरे, न लाठी टूटे वाली कहावत सिध्ध हो पाये /
चुन्नू राम बंजारे
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