विचार मानव संसंस्कृति की लहुलुहान तस्वीर से किशोर व् युवावर्ग के जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड रहा है ,जिसके करणं युवाशक्ति का प्रयोग् बलात्कार जैसी घटनाओ को जन्म दे रहा है / आज अंगप्रदर्शन करने वालो कलाकारों ने दर्शको , पाठको का मनोरंजन करने के साथ बेहोस करने लगे है, जिसका नकारात्मक प्रभाव का समाचार रोज समाचार पत्र में आ रहा है /अंगप्रदर्शन करने वालो कलाकारों ने बैठने का कमरा रूम ,बेडरूम व् बरामदा में अंतर् नही रखा है ,घर के कमरे को पहचान नहीं पा रहा है / अगर एक जादूगर दर्सको का मनोरंजन के साथ छेडछाड या हानी पहुचाता है तो वह एक अपराधी के रूप में न्यायालय में खड़े होने कि योग्यता हासिल कर लेता है ,जिसे न्यायाधीस सही गलत का फैसला करता है , उसी प्रकार हमारे अंगप्रदर्शन करने वालो कलाकार ,फिल्म डायरेक्टर दर्सको के मनोरंजन के साथ मानव संस्कृति ,भारतीय संस्कृति का बलात्कर करता है तो क्या कलाकार रूपी जादूगर हमारे मानव संस्कृति ,भारतीय संस्कृति का बलात्कार नहीं कर रहे है